और कब तक … ?
लेखक : शैलेन्द्र कुमार सिंह
ग्राफिक्स : निकोलस
और कब तक इस मिट्टी के साथ गद्दारी करोगे
इस मिट्टी मे जन्म लिए हो
तो कब वफादारी करोगे ?
मत भूलों की मिट्टी हवा पानी आग का कोई मजहब नही होता
बैर इनसे करके तुम कैसे
कूच करने की तैयारी करोगे !
इंसान पहले बनो
बाद में तुम हिन्दू मुसलमान बनना
धर्म के नाम पर बाँटने वालो इंसान से तुम कब यारी करोगे ?
वक्त जानता है कि तुमने हमेशा अपने स्वार्थ में ही जीवन जिया
अब तो चेत जाओ ‘शैलेन्द्र’
कब तक इंसानियत पर
भारी पड़ोगे !