
मित्रता
लेखनी : शैलेन्द्र कुमार सिंह
ग्राफ़िक्स : सुमन शुकला
सुख – दुःख में जो साथ देता
मुस्कराकर हमेशा मिलाता हाथ है
मित्र एक अनुपम निधि है
मित्रता विधाता की सौगात है।
कभी सूरज बन साथ बढ़ता
मिटाता जीवन का हर अंधकार है
मित्र है जीवन की संजीवनी
मित्रता जीने की आश है।
कभी सहेली कभी पहेली
कभी शह कभी मात है
मित्र है ‘शैलेन्द्र’ रूह का शकुन
मित्रता एक बिश्वास है।
मित्रता | Mitrata | Sailendra Kumar Singh | Suman Shukla | Hindi | Hindi Poem |
सार्थक लेखक। खूबसूरत पंक्ति
Apka likhbe ka andaz pasand ayah
जीवन पहेली से कम नही। सह और मात का खेल। क्या लिखें है अपने। वाव
मेरे लिए मित्रता तो बस एक बिस्वास है।
मित्रता 🔆 की किरण से भि उज्ज्वल सोच है। लेखक ने बहत ही छोटे स्थान में मित्रता को सही निखारा।
‘निधि’ – किस समंध में? लेखक से निवेदन कृपया खुलासा करें।
निधि का अर्थ है ‘सम्पति/ खजाना’
मित्र दुःख को बाँटने वाला और सुख को बढ़ाने वाला होता है । इसीलिए यहाँ ‘निधि’ पद का प्रयोग है ।
मेरा वी मन मे यह ही प्रश्न है। बड़ा मन मोहक कबिता।
👎
Nice 👏👏👏👏. Worth sharing.. Shared in my fb.
मन को छू गया। मित्रता पे गहरी सोच।।
सिमरन रस्तोगी, छपरा
फ्रेंडशिप और मित्रता समर्थक होते हुए वी मेरे हिसाब से अलग है। आज के नई प्रजन्म फ्रेंडशिप पे बिस्वास रखते है। मेरे हिसाब से जो बकवास है। और एक तरफ है मित्रता, इस पे वी कबिता बन सकती है। जो कवि ने टूटने वाला एक रिश्त से बन जाता है। लेखक को बधाई। मेरी सुवकामनाये आपको।
सही फ़रमाया अपने। बिल्कुल सहमत।
हमने अपनी पिता माताओ के ज़माने की उनकी मित्रता देखे है। मित्रता उनके लिए रिस्तेदारी से कम नही। और आजकल…
बृजेश जी की बात से बिल्कुल सहमत हूं। हमारे पिता माता की समय की चाचा चाची कई एसे है जिन्हें कई सालों तक हम यह मानते थे कि हमारे परिवार वाले या रिस्तेदार है। बाद में पता चला कि बस पापा की दोस्त है स्कूल की या गाओ की। एसे नज़रा हमारे समय से ही सईद लुप्त है। और आगे मित्रता और अर्थहीन हो जाएगा। खेद है।
बहत सही।
Nice poem. Good piece on friendship.
शानदार।
Nice on friendship
Too good
Apka agla kab ayega?
Nice short poem.
मित्रता का सही अंकन। दन्यबाद
Nice poem. Very small
Great writing on friendship